बारकोड और QR कोड के बारे में शायद आप नहीं जानते ये 7 बातें
सारांश
QR कोड की अनसुनी कहानी: जानिए कैसे एक जापानी इंजीनियर की खोज ने दुनिया को बदल दिया! बारकोड से आगे की तकनीक, QR कोड अब हर मोबाइल का हिस्सा बन चुका है—but क्या आप जानते हैं इसका असली इतिहास और बारकोड से इसका क्या फर्क है? पढ़िए एक ऐसी कहानी जो तकनीक से भी कहीं ज्यादा दिलचस्प है!

बारकोड क्या है?
बारकोड की संरचना और कार्य प्रणाली
बारकोड एक छवि होती है जिसमें काले और सफेद लाइनों का एक खास पैटर्न होता है। इसे स्कैन करके कंप्यूटर डेटा को पढ़ सकता है। ये लाइनें वस्तु की जानकारी, कीमत, या आईडी कोड दर्शाती हैं।
बारकोड का प्रारंभिक उपयोग
बारकोड का पहली बार उपयोग 1970 के दशक में अमेरिका में सुपरमार्केट्स में उत्पादों की पहचान के लिए किया गया था। यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड (UPC) इसकी शुरुआत थी।
QR कोड क्या है?
QR कोड का पूरा नाम और तकनीकी विवरण
QR का अर्थ है "Quick Response"। यह दो-आयामी कोड होता है, जो बारकोड की तुलना में कहीं अधिक डेटा रख सकता है। इसकी विशेषता है कि इसे किसी भी दिशा से तेज़ी से स्कैन किया जा सकता है।
QR कोड कैसे काम करता है?
QR कोड में चार मुख्य भाग होते हैं – finder pattern, alignment pattern, timing pattern और version information। ये भाग स्कैनिंग की सटीकता और गति को सुनिश्चित करते हैं।
QR कोड का आविष्कार किसने किया?
Denso Wave कंपनी और Masahiro Hara की भूमिका

Barcode Vs QR code
QR कोड का आविष्कार 1994 में जापान की कंपनी Denso Wave के इंजीनियर मासाहीरो हारा (Masahiro Hara) ने किया। इसका मूल उद्देश्य ऑटोमोबाइल पार्ट्स को ट्रैक करना था। आप ये भी पढ़ सकते हैं OMG! भारत में कंप्यूटर का इतिहास, जिसे जानकर दंग रह जाएंगे आप!
आविष्कार की प्रेरणा
हारा ने देखा कि पारंपरिक बारकोड में कम डेटा स्टोर हो सकता है और उन्हें स्कैन करने में समय लगता है। इससे उन्हें अधिक तेज़ और जानकारी से भरपूर प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
बारकोड और QR कोड में अंतर

QR कोड के प्रकार
Static vs Dynamic QR Codes
Static QR Code: स्थायी जानकारी रखता है; एक बार बनाया तो बदल नहीं सकता।
Dynamic QR Code: स्कैन के बाद जानकारी को अपडेट किया जा सकता है।
Micro QR और Frame QR
Micro QR छोटे स्थानों में उपयोग होता है जबकि Frame QR एक फ्रेम और ब्रांडिंग के साथ आता है।
QR कोड के फायदे
व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य में उपयोग
QR कोड ने व्यापारिक दुनिया में क्रांति ला दी है। रेस्टोरेंट में डिजिटल मेनू, दुकानों में स्कैन एंड पे, स्कूलों में असाइनमेंट लिंक, अस्पतालों में मरीज की जानकारी – ये सब QR कोड के माध्यम से तेज़ी से हो रहे हैं।
व्यापार: उत्पाद ट्रैकिंग, बिलिंग, मार्केटिंग
शिक्षा: नोट्स, वीडियो लिंक्स, टेस्ट लिंक
स्वास्थ्य: ई-हेल्थ रिकॉर्ड्स, कोविड रिपोर्ट्स, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
संपर्क रहित भुगतान प्रणाली
भारत में UPI और Bharat QR Code के ज़रिए लोग स्कैन करके तुरंत भुगतान कर रहे हैं। इससे नकद लेन-देन में कमी आई है और डिजिटल ट्रांसपेरेंसी बढ़ी है।
QR कोड का भविष्य
स्मार्ट सिटी और IoT में भूमिका
स्मार्ट शहरों में ट्रैफिक मैनेजमेंट, डिजिटल टिकटिंग, स्मार्ट होर्डिंग्स जैसे कई क्षेत्रों में QR कोड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। आप ये भी पढ़ सकते हैं क्या आप जानते हैं लोहा कैसे बनता है? वो बातें जो स्कूल में कभी नहीं बताई गईं! जानिए यहां!
एन्हांस्ड सुरक्षा प्रणाली
QR कोड में अब सुरक्षा विशेषताएँ जोड़ी जा रही हैं जैसे:
पासवर्ड से प्रोटेक्टेड लिंक
स्कैन लिमिट
एन्क्रिप्टेड कंटेंट
भारत में QR कोड की स्थिति
UPI और डिजिटल भुगतान
QR कोड भारत की डिजिटल क्रांति का प्रमुख स्तंभ बन चुका है। Paytm, Google Pay, PhonePe जैसी सेवाओं ने हर गली-मुहल्ले तक QR स्कैनर पहुँचाया है।
सरकारी योजनाओं में QR कोड
स्वास्थ्य कार्ड (ABHA)
डिजिटल इंडिया मिशन
आधार प्रमाणीकरण में QR कोड
बारकोड और QR कोड का सुरक्षा पक्ष
डेटा एन्क्रिप्शन
QR कोड को सिक्योर करने के लिए अब एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।
फर्जी QR कोड की पहचान
सरकार और बैंक लगातार जागरूकता फैला रहे हैं कि अज्ञात QR कोड स्कैन करने से सावधान रहें, क्योंकि इससे फ्रॉड हो सकता है।
QR कोड कैसे बनाएं?
मुफ्त टूल्स और सॉफ्टवेयर
कई ऑनलाइन वेबसाइट्स जैसे:
इनसे आप फ्री में QR कोड बना सकते हैं।
अपने व्यवसाय के लिए कस्टम QR कोड बनाना
आप अपना लोगो, कलर और कॉल-टू-एक्शन जोड़कर एक आकर्षक QR कोड भी बना सकते हैं। इससे ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलता है।
बारकोड और QR कोड का इतिहास
1952 में बारकोड का पहला विचार आया। 1974 में पहला बारकोड स्कैन किया गया। QR कोड 1994 में अस्तित्व में आया और 2020 के बाद से यह दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ।
QR कोड और बारकोड से संबंधित रोचक तथ्य
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड QR
दुनिया का सबसे बड़ा QR कोड 159 मीटर लंबा और 159 मीटर चौड़ा है – यह चीन में बनाया गया था और ड्रोन से स्कैन किया गया।
QR कोड से शादी का निमंत्रण
अब लोग शादी के कार्ड की जगह QR कोड भेजते हैं, जिससे वीडियो, लोकेशन और RSVP फॉर्म तक सीधे पहुंचा जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. QR कोड किसने बनाया?
Ans: जापान की Denso Wave कंपनी के इंजीनियर मासाहीरो हारा ने 1994 में QR कोड बनाया।
Q2. क्या बारकोड अब भी उपयोगी है?
Ans: हाँ, खुदरा उद्योग में बारकोड अब भी उत्पाद पहचान और मूल्य निर्धारण में प्रमुख है।
Q3. QR कोड स्कैन करने के लिए कौन-से ऐप्स अच्छे हैं?
Ans: Google Lens, Paytm Scanner, QR & Barcode Scanner (Zxing Team) बेहतरीन हैं।
Q4. क्या QR कोड सुरक्षित है?
Ans: हाँ, लेकिन किसी अनजान स्रोत से मिले कोड को स्कैन करने से बचें।
Q5. क्या मैं अपना QR कोड खुद बना सकता हूँ?
Ans: बिल्कुल, कई वेबसाइट्स और ऐप्स इसके लिए मुफ्त सेवा देती हैं।
Q6. क्या QR कोड बिना इंटरनेट के काम करता है?
Ans: हाँ, यदि QR कोड का कंटेंट लोकल हो (जैसे फोन नंबर या टेक्स्ट), तो इंटरनेट की ज़रूरत नहीं।
ताजा हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ सबसे पहले पढ़ें पैग़ाम वाला पर। हमारी विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पर आपको मिलेंगी बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल से जुड़ी अहम ख़बरें। पैग़ाम वाला पर हर पल की अपडेट्स और प्रमुख घटनाओं की विस्तृत जानकारी पाएं।
पैग़ाम वाला एडमिन
पत्रकारिता सिर्फ़ मेरा पेशा नहीं, मेरी ज़िम्मेदारी है। मैं हर ख़बर को सटीकता, निष्पक्षता और तेज़ी से आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। वर्षों के अनुभव के साथ, मेरा लक्ष्य है कि पाठकों तक हर दिन ताज़ा, सही और भरोसेमंद जानकारी पहुँचे।
सभी खबरें देखें‘पैग़ाम वाला’ जैसी स्वतंत्र पत्रकारिता को आपके समर्थन की ज़रूरत है। हम किसी भी कॉर्पोरेट या राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करते हैं, और हमारी रिपोर्टिंग पूरी तरह से हमारे पाठकों के सहयोग पर निर्भर है। आपका छोटा सा योगदान भी हमें सच आप तक पहुँचाने में मदद करेगा।