क्या आप जानते हैं लोहा कैसे बनता है? वो बातें जो स्कूल में कभी नहीं बताई गईं! जानिए यहां!
सारांश
लोहा क्या है? लोहा धरती की सबसे महत्वपूर्ण और पुराने धातुओं में से एक है। इसका रासायनिक नाम आयरन (Iron) है और इसका प्रतीक Fe होता है। यह आवर्त सारणी में समूह-8 में आता है। लोहा एक कठोर, चमकीली और भारी धातु है, जिसे औद्योगिक, घरेलू और निर्माण कार्यों
लोहा क्या है?
लोहा धरती की सबसे महत्वपूर्ण और पुराने धातुओं में से एक है। इसका रासायनिक नाम आयरन (Iron) है और इसका प्रतीक Fe होता है। यह आवर्त सारणी में समूह-8 में आता है। लोहा एक कठोर, चमकीली और भारी धातु है, जिसे औद्योगिक, घरेलू और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
दुनिया की धरती पर इसकी मात्रा लगभग 5% है और यह मुख्य रूप से हैमेटाइट (Fe₂O₃) और मैग्नेटाइट (Fe₃O₄) अयस्कों के रूप में पाया जाता है।
इतिहास में लोहे की खोज
मनुष्य ने पहले तांबा और कांसा का उपयोग करना सीखा। लेकिन जब उसने पाया कि एक खास धातु ज्यादा मजबूत और टिकाऊ है, तो लोहे का इस्तेमाल शुरू हुआ। इतिहासकारों के अनुसार, करीब 1200 ईसा पूर्व में लोहे का प्रयोग शुरू हुआ था।
हड़प्पा सभ्यता में लोहे के औज़ार और हथियार पाए गए हैं। भारत का कुतुब मीनार परिसर में स्थित लौह स्तंभ इसका बेहतरीन उदाहरण है, जो 1600 साल से बिना जंग लगे खड़ा है।
लोहा कैसे बनता है?
खनिज अयस्क से लोहा बनाने की प्रक्रिया
धरती के गर्भ से निकाला गया आयरन अयस्क को पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर साफ किया जाता है। फिर इसे भट्टियों में पिघलाया जाता है।

भट्टियों में लोहा गलाने की विधि
अयस्क को कोक (कोयले का विशेष प्रकार) और चूना पत्थर के साथ बड़े भट्ठों में गर्म किया जाता है। उच्च तापमान पर कोक कार्बन बन जाता है और अयस्क से ऑक्सीजन अलग करके शुद्ध लोहा प्राप्त किया जाता है।
संक्षिप्त रासायनिक अभिक्रिया:
Fe₂O₃ + 3C → 2Fe + 3CO
स्टील और कच्चा लोहा कैसे बनता है
भट्टी से निकला लोहा कच्चा होता है, जिसे 'कच्चा लोहा (Pig Iron)' कहते हैं। इसमें कार्बन की मात्रा अधिक होती है।
फिर इसे विभिन्न प्रक्रियाओं से गुज़ार कर स्टील और अन्य प्रकार के लोहे में बदला जाता है।
विभिन्न प्रकार के लोहे
कच्चा लोहा (Pig Iron)
यह भट्टियों से सबसे पहले प्राप्त लोहा है। इसमें 4% से ज्यादा कार्बन होता है। यह भंगुर होता है, यानी आसानी से टूट सकता है।
ढलवा लोहा (Cast Iron)
कच्चे लोहे को फिर से पिघलाकर उपयोगी वस्तुएं जैसे पाइप, इंजन पार्ट्स और औज़ार बनाए जाते हैं। इसमें कार्बन की मात्रा 2-4% होती है।

इस्पात (Steel)
लोहे में कार्बन की मात्रा 0.1% से 1.5% तक रखी जाती है। स्टील लोहा से मजबूत, लचीला और जंगरोधी होता है।
लो-कार्बन स्टील
इसमें कार्बन की मात्रा सबसे कम होती है। इसका उपयोग निर्माण और वाहनों में होता है।
हाई-कार्बन स्टील
ज्यादा कठोर और मजबूत होता है। इसका उपयोग औज़ार और मशीनरी में किया जाता है।
स्टेनलेस स्टील
इसमें क्रोमियम और निकल मिलाया जाता है, जिससे इसमें जंग नहीं लगती। इसका उपयोग रसोई के बर्तन और अस्पतालों के उपकरण में होता है।
लोहे में जंग कैसे लगती है?
लोहे में जंग लगना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे हम रासायनिक भाषा में ऑक्सीकरण (Oxidation) कहते हैं। जब लोहा वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आता है, तो उस पर एक भूरी परत जम जाती है जिसे आयरन ऑक्साइड (Fe₂O₃•xH₂O) या आम भाषा में जंग कहा जाता है।
रासायनिक अभिक्रिया:
4Fe + 3O₂ + 6H₂O → 4Fe(OH)₃
बाद में यह हाइड्रॉक्साइड सूखकर जंग बन जाती है।

हवा में नमी और ऑक्सीजन का असर
गर्मी और उमस वाले इलाकों में लोहे में जल्दी जंग लगती है, क्योंकि वहां हवा में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। नमकयुक्त वातावरण (जैसे समुद्र किनारे) में भी लोहे का ऑक्सीकरण तेज़ी से होता है।
किस लोहे में जंग नहीं लगती?
स्टेनलेस स्टील की संरचना
स्टेनलेस स्टील एक विशेष प्रकार का इस्पात है जिसमें क्रोमियम (कम से कम 10.5%) और निकल जैसे तत्व मिलाए जाते हैं। क्रोमियम लोहे की सतह पर एक पतली क्रोमियम ऑक्साइड की परत बना देता है, जो लोहा और वातावरण के बीच में अवरोध बन जाती है। इससे जंग नहीं लगती।
जंगरोधी रंग और कोटिंग्स
लोहे को जंग से बचाने के लिए उस पर:
- रेड ऑक्साइड प्राइमर
- जिंक कोटिंग (गैल्वनाइजिंग)
- ऑयलिंग और ग्रीसिंग की जाती है। इससे लोहा लम्बे समय तक सुरक्षित रहता है।
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लोहे के उपयोग
निर्माण क्षेत्र
लोहा और इस्पात का सबसे अधिक उपयोग भवन निर्माण, पुल, रेलवे ट्रैक, टावर आदि में होता है।
मशीनरी और औद्योगिक उपकरण
किसी भी कारखाने और मशीन निर्माण में लोहे के बिना काम संभव नहीं है। बड़े-बड़े गियर, इंजन पार्ट्स और भारी मशीनें लोहे से ही बनती हैं।
घरेलू सामान
किचन बर्तन, ताले, गेट, ग्रिल, और फर्नीचर तक में इसका उपयोग होता है। स्टेनलेस स्टील के बर्तन तो लगभग हर घर में पाए जाते हैं।
लोहे से जुड़ी अनसुनी रोचक बातें
अंतरिक्ष में गिरा उल्का और लोहे का संबंध
अंतरिक्ष से धरती पर गिरने वाले उल्कापिंडों (Meteorites) में भी लोहा और निकेल पाया जाता है। प्राचीन काल में मनुष्य ने सबसे पहले इसी उल्कापिंड से लोहा प्राप्त किया था।
लोहे की सबसे बड़ी मूर्ति
‘द यूनिटी ऑफ इंडिया - स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’, सरदार वल्लभभाई पटेल की यह प्रतिमा लोहे और स्टील से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है।
लोहे से बना दुनिया का सबसे पुराना स्तंभ
दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार परिसर का लौह स्तंभ लगभग 1600 साल पुराना है और आज तक उसमें जंग नहीं लगी। वैज्ञानिक इसके रहस्य को आज भी पूरी तरह नहीं सुलझा पाए हैं।
आधुनिक युग में लोहे का महत्व
आज के समय में इंफ्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक उत्पादन, मशीनरी, रेलवे, और पाइपलाइन नेटवर्क के बिना विकास असंभव है। लोहे के बिना किसी भी आधुनिक निर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती।
भारत और चीन आज दुनिया के सबसे बड़े लोहा उत्पादक और उपभोक्ता देश हैं।
लोहे की देखभाल कैसे करें?
- लोहे की चीज़ों को नमी से दूर रखें।
- समय-समय पर पेंट या प्राइमर लगवाएं।
- ग्रीस और ऑयलिंग करें।
- जंगरोधी कोटिंग जैसे जिंक प्लेटिंग कराएं।
- लोहे के औज़ार और बर्तनों को सूखे स्थान पर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. लोहा कैसे बनता है?
लोहे को खनिज अयस्क से भट्टी में कोक और चूना पत्थर के साथ गर्म कर शुद्ध लोहा प्राप्त किया जाता है।
Q2. लोहे में जंग क्यों लगती है?
जब लोहा हवा में मौजूद ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आता है तो उस पर ऑक्साइड की परत बन जाती है, जिसे जंग कहते हैं।
Q3. स्टेनलेस स्टील में जंग क्यों नहीं लगती?
स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम की परत होती है, जो लोहे को ऑक्सीजन और नमी से बचाती है।
Q4. कच्चा लोहा और स्टील में क्या अंतर है?
कच्चे लोहे में ज्यादा कार्बन होता है और वह भंगुर होता है, जबकि स्टील में कम कार्बन होता है और वह ज्यादा मजबूत तथा लचीला होता है।
Q5. भारत में सबसे पुराना लोहा कौन सा है?
दिल्ली का कुतुब मीनार परिसर स्थित लौह स्तंभ, जो करीब 1600 साल पुराना है और अब तक बिना जंग के खड़ा है।
Q6. लोहे की चीज़ों की देखभाल कैसे करें?
नमी से दूर रखें, समय-समय पर पेंट या ऑयलिंग करें, और ज़िंक कोटिंग का इस्तेमाल करें।
तो दोस्तों, आपने जाना कि लोहा कैसे बनता है, इसके प्रकार, जंग लगने के कारण और कौन-से लोहे में जंग नहीं लगती। साथ ही लोहे से जुड़ी कई अनसुनी बातें भी जानीं। लोहा हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है, और उसकी देखभाल करना भी उतना ही ज़रूरी है।
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औंकार नाथ (बिट्टू)
औंकार नाथ, एक कुशल तकनीकी विद्यार्थी हैं, जिन्होंने आईटीआई की पढ़ाई पूरी कर ली है और वर्तमान में पॉलीटेक्निक में अध्ययनरत हैं। तकनीकी विषयों में गहरी रुचि के साथ-साथ लेखन के क्षेत्र में भी इनकी सक्रिय भागीदारी रही है। विगत एक वर्ष से औंकार नाथ हमारे साथ जुड़े हुए हैं और इस अवधि में इन्होंने तकनीकी लेखों एवं जानकारी के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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