सावधान रहें: फर्जी पीएम किसान ऐप के जरिए हो रही साइबर ठगी, बिना ओटीपी के बैंक से हो रही निकासी
सारांश
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, ठगों ने पीएम किसान योजना से जुड़ा एक फर्जी ऐप (pm kisan_1.0-2.apk) लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिए ठग लोगों को धोखा देने में सफल हो रहे हैं। ऐप डाउनलोड करने के बाद, यूजर के फोन को हैक कर लिया जाता है और सबसे हैरान करन
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, ठगों ने पीएम किसान योजना से जुड़ा एक फर्जी ऐप (pm kisan_1.0-2.apk) लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिए ठग लोगों को धोखा देने में सफल हो रहे हैं। ऐप डाउनलोड करने के बाद, यूजर के फोन को हैक कर लिया जाता है और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें किसी ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की जरूरत नहीं होती। जैसे ही ऐप इंस्टॉल होता है, ठग यूजर के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं, और यूजर को इसका पता भी नहीं चलता।
ठगी से कैसे बचें?
1. सिर्फ आधिकारिक ऐप डाउनलोड करें: किसी भी सरकारी योजना से जुड़े ऐप्स को केवल आधिकारिक वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर जैसे मान्यता प्राप्त प्लेटफार्म से ही डाउनलोड करें।
2. फर्जी लिंक और वेबसाइट्स से बचें: किसी भी अनजान या संदिग्ध वेबसाइट या लिंक पर क्लिक न करें। अगर कोई लिंक या ऐप डाउनलोड के लिए भेजा गया है, तो उसकी प्रामाणिकता की जांच जरूर करें।
3. फोन की सुरक्षा सुनिश्चित करें: हमेशा अपने फोन में एक अच्छा एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल रखें और इसे नियमित रूप से अपडेट करते रहें। अनजान स्रोत से किसी ऐप को डाउनलोड करने से बचें और फोन की सुरक्षा सेटिंग्स को सख्त बनाएं।
युवक की सतर्कता ने बचाए उसके पैसे
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक युवक ने समय रहते खुद को साइबर ठगी का शिकार होने से बचा लिया। युवक को जब एक मैसेज मिला, जिसमें पीएम किसान ऐप डाउनलोड करने का लिंक था, तो उसने फौरन सतर्कता दिखाई। उसने पहले पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और इस ठगी के प्रयास की जानकारी दी। युवक की सतर्कता की वजह से एक बड़ा साइबर अपराध होने से टल गया।
साइबर ठगों के बदलते तरीके
ठग लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं। वे लोगों को ठगने के लिए नकली ऐप, वेबसाइट्स और मैसेज का सहारा लेते हैं। ये मैसेज अक्सर आकर्षक लगते हैं, जैसे "आपका खाता अपडेट करें" या "पीएम किसान योजना के तहत नया लाभ पाएं"। लोग जल्दी-जल्दी इन झूठे दावों पर भरोसा कर लेते हैं और अपने फोन में फर्जी ऐप इंस्टॉल कर लेते हैं, जिससे ठगी का शिकार हो जाते हैं।
पुलिस की चेतावनी और सुझाव
पुलिस और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने जनता को सतर्क किया है कि वे किसी भी संदिग्ध ऐप या मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें। यदि आपको कोई ऐसा मैसेज या लिंक प्राप्त होता है जो संदिग्ध लगता है, तो तुरंत उसे अनदेखा करें और साइबर क्राइम सेल को इसकी जानकारी दें।
पुलिस ने यह भी कहा है कि अपराधी लोगों को झांसा देने के लिए मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिखा होता है "इससे आपका पैसा नहीं जाएगा", ताकि लोग निश्चिंत होकर फर्जी ऐप इंस्टॉल कर लें। यह बहुत जरूरी है कि हम इन फर्जी संदेशों से दूर रहें और हर कदम पर सतर्कता बरतें।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है
इस डिजिटल युग में जहां सुविधाएं बढ़ रही हैं, वहीं खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे और आप ठगों के जाल में न फंसें, तो सतर्कता बहुत जरूरी है। किसी भी ऐप या लिंक को इंस्टॉल करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें और हमेशा आधिकारिक स्रोत से ही ऐप्स डाउनलोड करें। आपकी सतर्कता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।
अगर आपको कभी भी किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें और इस तरह के ठगों से अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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