डीसीआरएल सहित नौ लोगों पर नियम विरुद्ध आदेश पारित करने का आरोप, कोर्ट में परिवाद दायर
सारांश
मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीआरएल) आमिर अहमद सहित नौ लोगों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। यह मामला फुलौत पश्चिमी वार्ड संख्या चार के निवासी रंधीर कुमार द्वारा दायर किया गया है, जो जमीन विवाद से जुड़ा हुआ ह
मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीआरएल) आमिर अहमद सहित नौ लोगों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। यह मामला फुलौत पश्चिमी वार्ड संख्या चार के निवासी रंधीर कुमार द्वारा दायर किया गया है, जो जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है। परिवादी ने आरोप लगाया है कि डीसीआरएल ने हाल सर्वे खतियानी दस्तावेजों को दरकिनार कर बीटी एक्ट 106 के तहत अवैध दस्तावेजों को मान्यता देते हुए नियम विरुद्ध आदेश पारित किया।
परिवादी के वकील मंजीत कुमार ने बताया कि डीसीआरएल को इस तरह के आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है। यह आदेश विभागीय नियमों और सरकार के निर्देशों के खिलाफ है। वकील के अनुसार, हाल सर्वे खतियानी दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य हैं और इन्हें रद्द करने या संशोधित करने का अधिकार डीसीआरएल के पास नहीं है।
मामले का विवरण
परिवादी रंधीर कुमार का दावा है कि उनके पूर्वज फागू मेहता के नाम से हाल सर्वे खतियान दर्ज है। लेकिन प्रतिवादी पक्ष ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर अंचल कार्यालय में अपने नाम से अवैध जमाबंदी करवाई। जब परिवादी ने इस आदेश के खिलाफ डीसीआरएल के पास अपील की, तो डीसीआरएल ने नियमों को नजरअंदाज करते हुए अवैध दस्तावेजों को सही मान लिया और हाल सर्वे खतियान को दरकिनार कर आदेश पारित कर दिया।
डीसीआरएल पर गंभीर आरोप
परिवादी ने अपने परिवाद में यह भी आरोप लगाया है कि डीसीआरएल ने प्रतिवादियों के प्रभाव में आकर और निजी स्वार्थ के कारण यह निर्णय लिया। उन्होंने इसे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और दंडनीय अपराध बताया है।
कोर्ट में परिवाद दायर करने की वजह
परिवादी ने इस मामले में पहले जिला दंडाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मधेपुरा को लिखित शिकायत दी थी। इसके अलावा, फुलौत थाना में भी शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन सरकारी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद, परिवादी ने मजबूर होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
परिवाद में आरोपित पक्ष की हरकतें
परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिवादियों ने आदेश पारित होने के बाद विवादित जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया। इस दौरान गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं भी हुईं। यहां तक कि जान से मारने की धमकी भी दी गई। इस संबंध में एक पंचायत भी बुलाई गई, लेकिन प्रतिवादी पक्ष ने समझौते से इनकार कर दिया।
कोर्ट की सुनवाई की तारीख
इस गंभीर मामले पर उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट ने संज्ञान लिया है और मामले की सुनवाई के लिए 8 जनवरी 2025 की तारीख तय की है।
परिवादी के वकील मंजीत कुमार का कहना है कि डीसीआरएल का यह निर्णय न केवल विभागीय कर्तव्यों की अनदेखी है, बल्कि कानून का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि डीसीआरएल के खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
ताजा हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ सबसे पहले पढ़ें पैग़ाम वाला पर। हमारी विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पर आपको मिलेंगी बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल से जुड़ी अहम ख़बरें। पैग़ाम वाला पर हर पल की अपडेट्स और प्रमुख घटनाओं की विस्तृत जानकारी पाएं।
पैग़ाम वाला एडमिन
पत्रकारिता सिर्फ़ मेरा पेशा नहीं, मेरी ज़िम्मेदारी है। मैं हर ख़बर को सटीकता, निष्पक्षता और तेज़ी से आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। वर्षों के अनुभव के साथ, मेरा लक्ष्य है कि पाठकों तक हर दिन ताज़ा, सही और भरोसेमंद जानकारी पहुँचे।
सभी खबरें देखें‘पैग़ाम वाला’ जैसी स्वतंत्र पत्रकारिता को आपके समर्थन की ज़रूरत है। हम किसी भी कॉर्पोरेट या राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करते हैं, और हमारी रिपोर्टिंग पूरी तरह से हमारे पाठकों के सहयोग पर निर्भर है। आपका छोटा सा योगदान भी हमें सच आप तक पहुँचाने में मदद करेगा।