पिता पुत्र के रिश्ते को किया शर्मशार, बेटे ने ही पिता को धारदार हथियार से काटकर दिया मौत के घाट उतार
सारांश
The son brought shame on the father-son relationship, the son killed the father by cutting him with a sharp weapon. अररिया प्रिंस (अन्ना राय) : बौसी थाना क्षेत्र के पहुंसरा पंचायत के तमघट्टी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 70 वर्षीय
The son brought shame on the father-son relationship, the son killed the father by cutting him with a sharp weapon.
अररिया प्रिंस (अन्ना राय) : बौसी थाना क्षेत्र के पहुंसरा पंचायत के तमघट्टी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 70 वर्षीय शैलेन्द्र सिंह उर्फ सालो सिंह की उनके ही बड़े बेटे अरुण सिंह द्वारा धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई।
जानकारी के अनुसार, मृतक शैलेन्द्र सिंह के दो बेटे हैं - अरुण सिंह और शिवराज सिंह। प्रारंभिक जांच में हत्या का कारण जमीन रजिस्ट्री का विवाद बताया जा रहा है। मृतक की पत्नी कविता देवी ने बताया कि वे वृद्धा पेंशन के काम से बसैटी जा रहे थे, इसी दौरान घर पर पता चला कि बड़े बेटे अरुण सिंह ने दबिया से मारकर अपने पिता की हत्या कर दी।
परिजनों के अनुसार, 17 मई को मृतक ने कुछ जमीन अपने छोटे बेटे के नाम लिख दी थी। इसी बात को लेकर बड़ा बेटा अपने पिता से जमीन देने की मांग करता था, जिससे पिता-पुत्र के बीच विवाद शुरू हो गया था।
इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बौसीं थानाध्यक्ष विकास पासवान ने बताया कि मृतक की पत्नी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और हत्यारे पुत्र की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
ताजा हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ सबसे पहले पढ़ें पैग़ाम वाला पर। हमारी विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पर आपको मिलेंगी बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल से जुड़ी अहम ख़बरें। पैग़ाम वाला पर हर पल की अपडेट्स और प्रमुख घटनाओं की विस्तृत जानकारी पाएं।
पैग़ाम वाला एडमिन
पत्रकारिता सिर्फ़ मेरा पेशा नहीं, मेरी ज़िम्मेदारी है। मैं हर ख़बर को सटीकता, निष्पक्षता और तेज़ी से आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। वर्षों के अनुभव के साथ, मेरा लक्ष्य है कि पाठकों तक हर दिन ताज़ा, सही और भरोसेमंद जानकारी पहुँचे।
सभी खबरें देखें‘पैग़ाम वाला’ जैसी स्वतंत्र पत्रकारिता को आपके समर्थन की ज़रूरत है। हम किसी भी कॉर्पोरेट या राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करते हैं, और हमारी रिपोर्टिंग पूरी तरह से हमारे पाठकों के सहयोग पर निर्भर है। आपका छोटा सा योगदान भी हमें सच आप तक पहुँचाने में मदद करेगा।