बाढ़ का कहर लगातार जारी: 72 घंटे के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं
सारांश
अमौर प्रखंड में बाढ़ का कहर लगातार जारी है और 72 घंटे बीतने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। पश्चिमी छोर की प्रमाण और दास नदी के उफान पर आने से तियरपारा पंचायत, पोठिया, गंगेली, धुरपैली, खरहिया, मच्छट्टा, बड़ा ईदगाह सहित अन्य कई गांव बाढ़ क
अमौर प्रखंड में बाढ़ का कहर लगातार जारी है और 72 घंटे बीतने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। पश्चिमी छोर की प्रमाण और दास नदी के उफान पर आने से तियरपारा पंचायत, पोठिया, गंगेली, धुरपैली, खरहिया, मच्छट्टा, बड़ा ईदगाह सहित अन्य कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इससे न केवल ग्रामीणों के घरों में पानी घुस गया है, बल्कि उनके जीवन की सामान्य गतिविधियां भी ठप हो गई हैं। कुल मिलाकर 24 पंचायतें और नगर पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हो चुकी हैं।

बाढ़ के पानी में सुरक्षा की निगरानी करते हुए लोग
ग्राम पंचायत राज बरबट्टा के वार्ड नंबर 8 महेशवा टोला, वार्ड नंबर 10 बिजलियां बनगमा, वार्ड नंबर 4 कदगमा, और वार्ड नंबर 2 रसैली जैसे इलाके प्रमाण नदी के उफान से सर्वाधिक प्रभावित हैं। इन इलाकों में रहने वाले परिवारों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। मुन्ना हरिजन, जगदीश हरिजन, रिना देवी, सफीना, शमशाद, शाहीद, जैनुद्दीन, इस्माइल, भादों, अनबर, सुखदेव हरिजन, अरुणा देवी, चुन्नी देवी, छापो देवी, ललीता देवी, मनोज हरिजन, भारती देवी समेत दर्जनों परिवार बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
दलमालपुर पंचायत का वार्ड नंबर 12 बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां करीब ढाई सौ परिवारों के घर पानी से घिरकर टापू में तब्दील हो गए हैं। गांव की मुख्य सड़क पर 4 से 5 फीट तक पानी बह रहा है, जिससे लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यह सड़क गांव से बाहर जाने का एकमात्र रास्ता है, लेकिन भारी जलभराव के कारण यह पूरी तरह अवरुद्ध हो चुकी है। इस स्थिति ने ग्रामीणों को उनके घरों में फंसा दिया है और वे हर तरफ से घिरे हुए हैं।
72 घंटे बीत जाने के बावजूद, अब तक सरकारी स्तर पर किसी भी तरह की राहत सामग्री या सुविधाएं इन प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंची हैं। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि वे अपने परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है।
प्रभावित परिवारों में अकबर, मुजफ्फर, अनवर, मफुज, मुजाहिद, समीम, आजाद, ताजुद्दीन, तारीख, सोनू, मंसूर, वार्ड सदस्य मंसुर आलम, मेम्बर कय्यूम, मकबूल, सेदा, यूनुस शाहिद समेत कई परिवार शामिल हैं। सभी ने जिला प्रशासन से तुरंत राहत सामग्री और सहायता पहुंचाने की मांग की है। लोगों को पीने का पानी, भोजन, और दवाओं की सख्त जरूरत है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही राहत कार्य शुरू नहीं किए गए, तो स्थिति और भी बदतर हो सकती है। बाढ़ की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं, और पानी के लगातार बढ़ते स्तर से कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। प्रशासन के पास समय रहते कार्यवाही करने का यही मौका है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
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