उत्तर प्रदेश में भीषण हादसा, पलक झपकते ही, 12 जिंदगियां मौत की गहरी नींद में समा गईं
सारांश
गोला गोकर्णनाथ मार्ग पर बिखरे बेजान शरीरों की दर्दनाक तस्वीरें हृदय को विदीर्ण कर देने वाली हैं। शनिवार की रात यहां एक भयानक सड़क हादसे ने श्रद्धा की यात्रा को मौत के कारवां में बदल दिया। खुटार गांव के पास, पलक झपकते ही, 12 जिंदगियां मौत की गहरी नीं
गोला गोकर्णनाथ मार्ग पर बिखरे बेजान शरीरों की दर्दनाक तस्वीरें हृदय को विदीर्ण कर देने वाली हैं। शनिवार की रात यहां एक भयानक सड़क हादसे ने श्रद्धा की यात्रा को मौत के कारवां में बदल दिया।
खुटार गांव के पास, पलक झपकते ही, 12 जिंदगियां मौत की गहरी नींद में समा गईं। चीख-पुकार की आवाजें आसमान को चीरती नजर आईं। वही जगह जहां कुछ ही देर पहले ईश्वर के प्रति भक्ति का माहौल था, अब करुण विलाप और आर्तनादों से गूंज रही थी।

बजरी से भरे डंपर की लापरवाही ने पूर्णागिरि की तीर्थयात्रा पर निकले 12 भक्तों की जिंदगी छीन ली। 23 और घायल हुए, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से। सड़क किनारे लाशों के ढेर लगे थे, जहां परिजन विलाप करते और अपनों की तलाश में भटकते नजर आए।
यह दर्दनाक मंजर देखकर प्रत्येक व्यक्ति का दिल दहल उठा। मानवता को झकझोर करने वाला यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाता है। किसी की लापरवाही ने कितनी जिंदगियों को लील लिया और कितने परिवारों को विध्वंस कर दिया।

विवरण के अनुसार, सीतापुर जिले के बड़ा जटहा गांव से पूर्णागिरि दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं की बस रात करीब 10 बजे खुटार के एक ढाबे पर रुकी थी। इसी दौरान तेज रफ्तार चल रहे एक बजरी से भरे डंपर ने लापरवाही बरतते हुए बस में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि डंपर बस पर ही पलट गया।
हादसे की चपेट में आने से बस में सवार 12 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 23 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल पर भयावह मंजर नजर आए। सड़क किनारे लाशों का ढेर लगा हुआ था और परिजन अपनों को तलाशते दिखाई दिए। चीख-पुकार के बीच, घायलों को तुरंत एंबुलेंस द्वारा राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया।

शाहजहांपुर के डीएम उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि हादसे में 12 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए हैं। वहीं, एसपी अशोक कुमार मीणा ने कहा कि सूचना पर तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कराया गया। सभी यात्रियों को बस से निकाल लिया गया है। मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

हादसे में मारे गए 12 लोगों में सीतापुर के गांव बड़ा जटहा निवासी केदारी की पत्नी 45 वर्षीय सोमवती, छोटेलाल की पत्नी छुट्की, रूपेश का 16 वर्षीय पुत्र अजीत, प्रमोद कुमार, शिवशंकर, रामदास की 30 वर्षीय पत्नी मीना देवी, गांव घुरेनी निवासी गंगाराम की पत्नी 36 वर्षीय सुमन और उनका 8 वर्षीय पुत्र आदित्य शामिल हैं।
घायलों में गांव बड़ा जटहा की सोनावती, रितिक, वीरेंद्र, अवंतिका, सुशील, अमित, अजय, शिवरानी, बालकिशन, बिट्टू, आदित्य, विजय कुमार, रामू, विजय, महारानी और विकास आदि शामिल हैं।
हादसे में जान गंवाने वाले आदित्य (11) और अजीत (16) तो अभी बचपन की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह गए। वहीं, केदारी, छोटेलाल, रामदास और गंगाराम जैसे पूरे परिवार विध्वंस हो गए। घटनास्थल पर उपस्थित परिजनों के करुण क्रंदन ने पूरे मंजर को और भी विकट बना दिया।

हादसे की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। यहां तक कि जिन लोगों ने यह मंजर देखा, वे भी स्तब्ध रह गए। बस चालक अनिल कुमार ने बताया कि वे पहले गांव से सीतापुर के सिधौली कस्बे तक अपने साधनों से पहुंचे थे। वहां से करीब 75-80 श्रद्धालुओं को लेकर पूर्णागिरि की तीर्थयात्रा के लिए रवाना हुए थे। गांव का रूपेश कुमार हर साल एक बस पूर्णागिरि ले जाता है, जिससे बुकिंग की जाती है। इस बार भी रूपेश ने ही बस बुक की थी।

अनिल के अनुसार, डंपर चालक शायद सो गया था, इसलिए उसने लापरवाही बरतते हुए बस में अंधाधुंध टक्कर मार दी, जिससे यह भयंकर हादसा हो गया। पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। वहीं, इस विकराल हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक और दुख की लहर फैला दी है।
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