Paper Leek के वो तीन अड्डे, जहां से NEET छात्रों का भविष्य हुआ बर्बाद
सारांश
NEET Paper Leek को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच NEET कांड में तीन ऐसी जगहों के बारे में पता चला है, जहां से Paper Leek की घटना को अंजाम दिया गया. बिहार की राजधानी पटना से करीब 70 किलोमीटर दूर नालंदा में NEET कांड के मास्टरमाइंड का ठिकान
NEET Paper Leek को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच NEET कांड में तीन ऐसी जगहों के बारे में पता चला है, जहां से Paper Leek की घटना को अंजाम दिया गया.
बिहार की राजधानी पटना से करीब 70 किलोमीटर दूर नालंदा में NEET कांड के मास्टरमाइंड का ठिकाना मौजूद है. नालंदा के नगरसौना गांव में NEET Paper Leek के मास्टरमाइंड का घर है. Paper Leek के मास्टरमाइंड का नाम संजीव मुखिया है. फिलहाल संजीव मुखिया फरार चल रहा है और ये पहली बार नहीं है, जब उसका नाम पिछले 20 सालों में कई बार अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के Paper Leek मामले में आ चुका है.
संजीव मुखिया का बेटा भी Paper Leek में जेल में बंद
संजीव मुखिया के भाई राजीव कुमार ने बताया कि घर का बंटवारा हो चुका है. अब वह कहां रहता है, इस बारे में मालूम नहीं है. उससे अब बात भी नहीं होती है. मिली जानकारी के मुताबिक, संजीव की पत्नी पटना में रहती है. उसका बेटा शिव डॉक्टर है और वह अभी एक दूसरे Paper Leek कांड में जेल में है. गांव में संजीव का कच्चा घर मौजूद है, जिस पर ताला लटका हुआ है. लोगों ने बताया कि मुखिया गांव में आता है, लेकिन एक-दो घंटे रुककर निकल जाता है.
संजीव करीब 20 साल से इस धंधे में है. पहले सॉल्वर गैंग का सदस्य रह चुका है. पुलिस संजीव मुखिया को गिरफ्तार भी कर चुकी है और वो जेल भी जा चुका है, लेकिन फिलहाल वह NEET Paper Leek कांड का वो चेहरा है, जिसकी तलाश हर कोने में की जा रही है.
Paper Leek कांड में संजीव की भूमिका क्या थी?
दरअसल, संजीव मुखिया Paper Leek का सरगना है, जिसके नीचे अमित आनंद और नीतीश काम कर रहे थे. अमित आनंद वो शख्स है, जो Paper Leek के काले धंधे में पहले से जुड़ा है, साधारण शब्दों में इसे सेटर समझिए जो सरगना और मीडियटर के बीच की कड़ी है. नीतीश अमित आनंद का दोस्त है और इस कांड में इन दोनों के नीचे था सिकंदर. मीडिएटर की भूमिका निभा रहे सिकंदर ने अनुराग और आयुष जैसे कई अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था.
अनुराग और आयुष तक पेपर के जवाब कैसे पहुंचे वो भी समझना जरूरी है. यहां दो और किरदारों की एंट्री होती है चिंटू और पिंटू. चिंटू के मोबाइल पर पेपर के जवाब आए थे. चिंटू ने जवाब पिंटू को दिए और फिर प्रिंटर साथ लेकर चल रहे पिंटू ने सारे सवालों के जवाब प्रिंट किए.
NEET कांड के दो अड्डे कौन से हैं?
NEET Paper Leek कांड का पहला अड्डा है, पटना का लर्न एंड प्ले स्कूल. चिंटू-पिंटू के जरिए भेजे गए सवालों के जवाब रातों रात पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल भेजे गए, जहां पहले से मौजूद अनुराग और आय़ुष जैसे छात्रों ने जवाब का रट्टा मारा और अगली सुबह एग्जाम देने गए. NEET Paper Leek कांड में वैसे तो 22 साल का अनुराग यादव लीक पेपर के जरिए एग्जाम देने वाला अभ्यर्थी है, लेकिन उसके नाम पर बिहार की राजनीति में उबाल आया हुआ है.
अनुराग के नाम पर उबाल क्यों आया है, उसे भी समझने की जरूरत है, क्योंकि उसके जरिए ही आपको दूसरे अड्डे के बारे में मालूम चलेगा. 4 मई को अनुराग पटना के एक सरकारी गेस्ट हाउस में अपनी मां के साथ पहुंचा था. इसी गेस्ट हाउस ने NEET घोटाले के तमाम राज खोल दिए हैं. दरअसल, अनुराग की रजिस्टर में हुई एंट्री के आगे मंत्री जी लिखा हुआ था. अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि वो मंत्री जी कौन है?
आरोपी अनुराग ने कबूल की है Paper Leek की बात
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम ने गेस्ट हाउस के केयर टेकर प्रदीप को फोन किया और फिर प्रदीप ने फोन पर हुई बातचीत के बाद अनुराग के ठहरने का इंतजाम किया. गेस्ट हाउस बुक करने के लिए फोन करने वाले तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार सरकारी अधिकारी हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है प्रीतम कुमार से NEET घोटाले की जांच कर रही पटना ईओयू की टीम पूछताछ करने वाली है.
तेजस्वी को पूछताछ से दिक्कत नहीं है ,लेकिन यहां वो सिकंदर का बचाव करते भी दिखाई दे रहे हैं. अनुराग ने भी अपना अपराध कबूल लिया है. अनुराग कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहा था. अनुराग ने कबूलनामे में कहा है कि उसके पास फूफा सिकंदर का फोन आया था. फिर वह कोटा से वापस आ गया और वह अमित आनंद और नीतीश के पास पहुंच गया. उसने कहा कि आनंद और नीतीश के पास NEET की परीक्षा प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका दी गई. मुझे रटवाया गया और जब मैं सेंटर पहुंचा तो वही प्रश्न पत्र मिला जो रात में रटा था. परीक्षा के बाद पुलिस आई और मुझे पकड़ लिया.
NEET कांड का तीसरा अड्डा कौन सा है?
NEET Paper Leek का तीसरा अड्डा पटना का एक फ्लैट है. शहर के कुलदीप विमादित्य पैलेस में स्थित फ्लैट नंबर 202 है, जहां NEET Paper Leek की पूरी साजिश रची गई थी. यहां पर करोड़ों रुपये की फ्लैट की डीलिंग हुई थी. इसी फ्लैट से पुलिस को जले हुए क्वेश्चन पेपर मिले थे. साथ ही कई और अहम दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए थे. ये NEET Paper Leek के सरगना अमित आनंद का फ्लैट है.
मुंगेर का रहने वाला अमित आनंद Paper Leek के धंधे में लंबे समय से जुड़ा है. गया का नीतीश इसका दोस्त है और दोनों संजीव मुखिया के चेन के अहम किरदार हैं. अमित आनंद और नीतीश ने कबूला है कि दानापुर के नगर परिषद दफ्तर में उनकी मुलाकात सिकंदर से हुई थी. सिकंदर इसी नगर परिषद में जेई था. अमित और नीतीश निजी किसी काम से यहां गए थे और फिर बातों-बातों में सिकंदर से NEET परीक्षा में पास कराने की डील हुई.
अब तक आपने जिन चेहरों की कुंडली इस रिपोर्ट में देखी ये वो नाम हैं, जिनके लिंक NEET Paper Leek कांड में मिल चुके हैं. मगर इस पूरे कांड में एक और नाम है जिस पर सबसे ज्यादा शक हो रहा है. इस शख्स का नाम रवि अत्री है, जो यूपी के गौतमबुद्धनगर के जेवर थाना का रहने वाला है. उसे Paper Leek का सबसे बड़ा माफिया कहा जाता है.
रवि अत्री यूपी की मेरठ जेल में बंद है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवि अत्री के गैंग ने ही पटना और नालंदा के बॉर्डर से NEET परीक्षा का Paper Leek कराया था. दरअसल, बिहार के नालंदा का रहने वाला संजीव मुखिया रवि अत्री का ही गुर्गा है. रवि अत्री पहले भी मेडिकल एंट्रेस एग्जाम के Paper Leek करा चुका है और संजीव मुखिया का नाम सामने आने के बाद रवि अत्री पर शक की सुई घूम चुकी है.
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