Raksha Bandhan 2024: 7 घंटे से अधिक समय तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, जानें राखी बांधने का तरीका, मंत्र
सारांश
देशभर में आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के इस मौके पर बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं. बदले में भाई बहनों को उपहार और रक्षा का वचन देते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, राखी का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस साल र
देशभर में आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के इस मौके पर बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं. बदले में भाई बहनों को उपहार और रक्षा का वचन देते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, राखी का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस साल रक्षाबंधन पर 6 शुभ संयोग बने हैं, जिसकी वजह से यह अत्यंत शुभ माना जा रहा है. हालांकि इस बार सुबह में सूर्योदय के साथ ही भद्रा लग गई है, इसकी वजह से रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह में न होकर दोपहर में है. आज दोपहर से रात तक राखी बांधी जा सकेगी.
रक्षाबंधन तिथि 2024
रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा को मनाते हैं. पंचांग के आधार पर श्रावण पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को है.
श्रावण पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: आज, सोमवार, 03:04 एएम से
श्रावण पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: आज, सोमवार, रात 11:55 पीएम पर
रक्षाबंधन 2024 के 6 शुभ संयोग
1. रवि योग: 05:53 ए एम से 08:10 ए एम तक.
2. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:10 बजे तक.
3. शोभन योग: सूर्योदय 05:53 ए एम से रात तक.
4. राज पंचक: शाम 07:00 पी एम से कल 05:53 ए एम तक.
5. अंतिम सावन सोमवार व्रत
6. सावन पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान
रक्षाबंधन पर भद्रा कब से कब तक?
रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया सुबह से ही है. भद्रा का प्रारंभ सुबह 05:53 ए एम से है और इसका समापन दोपहर 01:32 पी एम पर होगा. इस तरह से भद्रा का साया 7 घंटे 39 मिनट तक रहेगा. भद्रा के बाद ही राखी बांधनी चाहिए. रक्षाबंधन पर राहुकाल 07:31 AM से 09:08 AM तक है.
रक्षाबंधन मुहूर्त 2024
आज रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए 7 घंटे से अधिक समय तक का शुभ मुहूर्त है. राखी बांधने का शुभ समय 1 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 08 मिनट तक है.
राखी बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:,
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:.
रक्षाबंधन 2024 पूजा विधि और राखी बांधने का तरीका
1. शुभ मुहूर्त में बहन को चाहिए कि वे तांबे, पीतल, चांदी आदि की थाली में चंदन या रोली, अक्षत्, दही, राखी या रक्षा सूत्र, मिठाई, नारियल, दीपक, माचिस आदि सामग्री रख लें.
2. राखी वाले दिन बहन को काले या सफेद कपड़े पहनने से बचना चाहिए. ऐसा ही भाई को भी करना चाहिए. राखी का रंग भी काला न हो.
3. अब आप शुभ समय में भाई को एक आसन पर बैठाएं. ध्यान रखें कि उनका मुख पूर्व की ओर रहे. भाई के सिर को रूमाल से ढक दें.
4. सबसे पहले भाई को चंदन और दही से तिलक लगाएं. उस पर अक्षत् जरूर लगाएं. उसके बाद उसके दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें. राखी बांधते समय मंत्र पढ़ें. मंत्र याद नहीं है तो मंगलकामना करें. यदि आपके पास राखी नहीं है तो आप रक्षा सूत्र भी बांध सकती हैं.
5. फिर दीप जलाकर भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएं. बड़ी बहन हैं तो भाई उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और भाई बड़े हैं तो बहन उनका आशीर्वाद लें. भाई बहन को दक्षिणा स्वरूप कुछ रुपए और उपहार दें.
भाई-बहन न हों तो वे कैसे मनाएं रक्षाबंधन?
यदि किसी व्यक्ति की बहन नहीं है तो वह किसी भी मंदिर में जाकर पुरोहित से रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं. ऐसे ही जिन लड़कियों और महिलाओं के भाई नहीं हैं तो वे अपने इष्ट देव को राखी बांध सकती हैं या फिर आप कान्हा जी यानि भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांध सकती हैं.
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संजय पाठक (शास्त्री)
संजय पाठक एक प्रख्यात ज्योतिषी हैं जो कि मिथिला के रहने वाले हैं, इनके पास ज्योतिष विज्ञान का गहन ज्ञान और लंबे समय का अनुभव है। वे ग्रहों की गतियों और उनके प्रभावों को समझते हैं तथा जातक, मुहूर्त और वास्तु पर महारत रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता के कारण लोग देश के विभिन्न स्थानों से लोग उनकी सलाह लेने आते हैं। संजय जी प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों और आधुनिक विज्ञान को जोड़कर ज्योतिष को और अधिक प्रासंगिक बनाने का प्रयास करते हैं।
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