शर्मनाक! जनता को गुमराह कर रही "जनता हॉस्पिटल", डीग्री होमिओपैथ की इलाज एलोपैथ से
सारांश
मधेपुरा जिले के चौसा और फुलौत ग्रामीण क्षेत्रों में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है। यहां कई अनुभवहीन और अवैध व्यक्ति डॉक्टरी का धंधा चला रहे हैं, जिससे निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ रही है। फुलौत पंचायत से आई एक विचलित करने वाली खबर न
मधेपुरा जिले के चौसा और फुलौत ग्रामीण क्षेत्रों में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है। यहां कई अनुभवहीन और अवैध व्यक्ति डॉक्टरी का धंधा चला रहे हैं, जिससे निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ रही है।
फुलौत पंचायत से आई एक विचलित करने वाली खबर ने सभी का ध्यान अपनी और आकृष्ट किया है। यहां के मुखिया बबलू ऋषिदेव के आवास पर जनता हॉस्पिटल चल रहा है, जहाँ एक होम्योपैथिक डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाइयों से किया जा रहा है।
इतना ही नहीं ये डॉक्टर यहाँ के मरीजों की सर्जरी भी बिना किसी झिझक के करते है, इस निजी अस्पताल का सरकारी विभाग में कहीं भी न तो रजिस्ट्रेशन है और न ही मरीजों का प्रारंभिक इलाज करने वाले कोई विशेषज्ञ चिकित्सक, प्राप्त जानकारी के अनुसार इस निजी अस्पताल के डॉक्टर को होम्योपैथिक डिग्री व लाइसेंस है और डॉक्टर ने बोर्ड पर अपने के नाम के साथ उन डीग्री को लिख भी रखा है लेकिन फिर भी वो होमिओपैथ की दवाइयों से मरीजों का इलाज नही करते ।
बिना वैध डिग्री के ये डॉक्टर मरीजों को वही दवा लिखते हैं, जिससे उन्हें अधिक कमीशन मिले और अगर इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गयी तो मरीज के परिजनों को बाकी बचे हॉस्पिटल खर्च में छुट दे दी जाती है जिससे ये डॉक्टर भोले भाले गाँव वालों की नजर में महान बन जाते हैं इसलिए आजतक किसी ने इनके खिलाफ कहीं कोई शिकायत नही की और इनका अवैध कारोबार बड़ी आसानी से फल फूल रहा है ।
तेरह जून को जनता हॉस्पिटल में इलाज में हुई लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गयी थी, जब पैग़ाम वाला प्रतिनिधि ने इस घटना की जांच करने की कोशिश की, तो जनता हॉस्पिटल के डॉक्टर पंकज कुमार और गांव के मुखिया बबलू ऋषिदेव ने उन्हें बंधक बना लिया और उसके साथ बर्बर तरीके से मारपीट की।
प्रतिनिधि ने अस्पताल के संचालक से बस इतना सवाल पूछा था की आपकी डीग्री जो आपने बोर्ड पर लगा रखी है उसके अनुसार आपने पढाई होमिओपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में की है लेकिन आप यहाँ के मरीजों का इलाज एलोपैथिक चिक्तिसा पद्धति से कर रहें है, भगवान् न करे की कल को कोई अनहोनी हो जाये तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? तो अस्पताल के संचालक ने हमारे प्रतिनिधि के साथ हाथापाई शुरू कर दी और जबरन उन्हें 2 घंटे तक अस्पताल में बंधक बनाकर रखा, उनकी माइक को तोड़ दिया गया और उनके फ़ोन का जबरन एक्सेस लेकर साक्ष्य के तौर पर रिकार्डेड सारे विडियो क्लिप और फोटो को भी डॉक्टर द्वारा मुखिया बबलू ऋषिदेव के सहयोग से डिलीट कर दिया गया
हद तो तब हो गयी उस गाँव के मुखिया द्वारा उनके ही घर से एक अवैध और निजी पिस्तौल हमारे प्रतिनिधि के हाथ में जबरन पकड़ाकर उन्हें अपराधी सिद्ध करने की कोशिश की गयी और उसका फोटो और विडियो बनाकर भयादोहन (ब्लैकमेल) करने की कोशिश भी की l
सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि
- जिस गाँव के लोगों ने किसी व्यक्ति को अपना हितैषी समझकर उन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुना और वही लोग इस डॉक्टर को अपना संरक्षण प्रदान किये हुए हैं, तो क्या फुलौत की जनता के साथ विश्वासघात नही हुआ ?
- क्या इस गाँव के जनप्रतिनिधि को वास्तव में अपने गाँव के लोगों की चिंता भी है या फिर वो डॉक्टर से मिलिभगत करके लोगों के जीवन को दाव पर रखकर सिर्फ अपनी तिजोरी भर रहें हैं ?
- ये हॉस्पिटल फुलौत थाना से महज लगभग 200 मीटर के दायरे में चल रहा है क्या ऐसा हो सकता है कि प्रशाशन को इसकी जानकारी नहीं है या फिर वो भी इन झोलाछाप डॉक्टरों के साथ मिले हुए हैं?
सवाल बहुत सारे हैं लेकिन जवाब देने वाला कोई नही !
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