Vegetable Prices: सब्जियों की बढ़ती कीमतों पर सरकार का आया जवाब, जाने क्यों बढ़ रहे हैं सब्जियों के दाम
सारांश
नई दिल्ली, 25 जुलाई (संवाददाता) - भारत के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से सब्जियों की कीमतों (Vegetable Prices) में तेज़ वृद्धि देखी जा रही है। विशेष रूप से आलू, प्याज और टमाटर जैसी रोजमर्रा की सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम जनत
नई दिल्ली, 25 जुलाई (संवाददाता) - भारत के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से सब्जियों की कीमतों (Vegetable Prices) में तेज़ वृद्धि देखी जा रही है। विशेष रूप से आलू, प्याज और टमाटर जैसी रोजमर्रा की सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम जनता की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक महीने में इन आवश्यक सब्जियों की खुदरा कीमतों में 15% से लेकर 58% तक की वृद्धि हुई है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति भी लगातार बढ़ रही है, जो वित्त वर्ष 2022 में 3.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 7.5% तक पहुंच गई है।
केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में इस मूल्य वृद्धि के कई कारणों का उल्लेख किया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले दो वर्षों में खराब मौसम, जलाशयों के गिरते स्तर और फसल नुकसान ने कृषि उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन भी इस समस्या का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में फसल रोगों और अन्य देशों द्वारा उठाए गए व्यापार संबंधी कदमों ने भी आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है।
टमाटर की कीमतों में अचानक आई तेजी को लेकर एक वरिष्ठ कृषि अधिकारी ने बताया, "क्षेत्र-विशिष्ट फसल रोगों के कारण टमाटर की आपूर्ति में कमी आई है, जिससे कीमतें बढ़ी हैं।" उन्होंने आगे कहा कि प्याज की कीमतों में वृद्धि का कारण पिछले कटाई सीजन में अत्यधिक बारिश और बुवाई में देरी है।
दालों, विशेष रूप से अरहर और उड़द की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह वृद्धि पिछले दो सालों में प्रतिकूल मौसम की वजह से कम उत्पादन के कारण हुई है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने दावा किया है कि यह स्थिति अस्थायी है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, "हम स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। आने वाले दिनों में कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी।"
विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि वह महंगाई पर नियंत्रण करने में विफल रही है। एक विपक्षी नेता ने कहा, "सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। आम आदमी इस महंगाई से बहुत परेशान है।"
स्थानीय बाजारों में लोगों की प्रतिक्रिया मिश्रित है। दिल्ली के एक उपभोक्ता ने कहा, "हमें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना पड़ रहा है। सब्जियां खरीदना भी मुश्किल हो गया है।"
विशेषज्ञों का मानना है कि जबकि अल्पकालिक उपाय राहत प्रदान कर सकते हैं, दीर्घकालिक समाधान के लिए कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस रणनीतियों की आवश्यकता होगी।
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