क्या कहता है तिरंगे का कानून, इसे फहराने से पहले जरुर रखें इन बातों का ध्यान
सारांश
सबसे पहले तो ये जान लो कि तिरंगे को लेकर एक पूरा कानून है - "भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2002" [https://www.mha.gov.in/sites/default/files/FlagAdvisory_13012022H.pdf]। अरे हां, मैं भी पहली बार सुन रहा हूं! 😅 लेकिन ये बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें बत
सबसे पहले तो ये जान लो कि तिरंगे को लेकर एक पूरा कानून है - "भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2002"। अरे हां, मैं भी पहली बार सुन रहा हूं! 😅 लेकिन ये बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें बताया गया है कि हमें अपने प्यारे तिरंगे का सम्मान कैसे करना चाहिए।
चलिये, शुरू करते हैं बेसिक्स से। तिरंगे में तीन रंग होते हैं - ऊपर केसरिया, बीच में सफेद, और नीचे हरा। बीच में नीले रंग का अशोक चक्र होता है। अब ध्यान देने वाली बात ये है कि इन रंगों का अनुपात 3:2 होना चाहिए। यानी अगर आप 3 फीट लंबा झंडा बना रहे हो, तो उसकी चौड़ाई 2 फीट होनी चाहिए। और हां, अशोक चक्र का व्यास झंडे की चौड़ाई का 3/4 होना चाहिए।
अब आता है सबसे मजेदार पार्ट - तिरंगे को फहराने के नियम! सोच रहे होंगे ना कि इसमें क्या रॉकेट साइंस है? लेकिन दोस्त, कुछ बातें ध्यान रखनी पड़ती हैं।
सबसे पहले, तिरंगा हमेशा ऊंचा और सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि जब आप इसे किसी खंभे पर लगा रहे हो, तो ध्यान रखना कि केसरिया रंग हमेशा ऊपर की तरफ हो। अगर आप इसे दीवार पर लगा रहे हो, तो केसरिया पट्टी बाईं ओर होनी चाहिए।
और हां, एक मजेदार नियम है - अगर आप किसी वाहन पर तिरंगा लगा रहे हो, तो वो सिर्फ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल या फिर मुख्यमंत्री की गाड़ी पर ही लग सकता है। तो अगले 15 अगस्त पर अपनी बाइक पर तिरंगा लगाने का प्लान कैंसिल कर दो! 😜
अब बात करते हैं टाइमिंग की। क्या आपको पता है कि तिरंगा कब फहराया जा सकता है? आम तौर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक। लेकिन अगर आप रात में भी इसे फहराना चाहते हो, तो ये सुनिश्चित करो कि वो अच्छी तरह से रोशनी में हो।
अब कुछ डोन्ट्स की बात कर लेते हैं। कभी भी तिरंगे को जमीन पर न लगने दो। इसे पानी में न डुबोएं (हां, मैं जानता हूं कि आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन करेगा, लेकिन बस याद रखिये)। और हां, कभी भी इसका इस्तेमाल किसी चीज को ढकने के लिए मत करना, चाहे वो कितनी भी खास क्यों न हो।
एक और दिलचस्प बात - क्या आपको पता है कि तिरंगे का कपड़ा खाद्दी या हाथ से काते हुए और हाथ से बुने हुए ऊन/सूती/रेशमी कपड़े का होना चाहिए? हां, ये थोड़ा पुराना नियम लग सकता है, लेकिन इसके पीछे का भाव है कि हमारा झंडा पूरी तरह से भारतीय हो। हालांकि, 2022 में नियमों में संशोधन किया गया, जिससे अब पॉलिएस्टर से बने झंडे की भी अनुमति है। समय के साथ बदलाव तो होता ही है, है ना?
अब मान लो कि आपके पास एक पुराना तिरंगा है जो अब इस्तेमाल लायक नहीं रहा। तो उसे फेंकना मत! उसे जलाकर या फिर किसी ऐसे तरीके से नष्ट करना चाहिए जो उसकी गरिमा के अनुरूप हो।
और हां, एक मजेदार फैक्ट - क्या आपको पता है कि 2002 से पहले आम नागरिकों को तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी? हां, ये सच है! लेकिन अब हम सब इसे फहरा सकते हैं, बस इन सभी नियमों का पालन करना न भूलें।
अब सोच रहे होंगे कि इतने सारे नियम क्यों? दोस्त, ये सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि तिरंगा सिर्फ एक कपड़ा नहीं है। ये हमारी आजादी का प्रतीक है, हमारी एकता का प्रतीक है। जब हम इसे फहराते हैं, तो हम सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि अपने देश के लिए अपना प्यार और सम्मान दिखा रहे होते हैं।
तो अगली बार जब आप तिरंगा फहराओ, तो इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना। और हां, अगर किसी को गलती से इन नियमों का उल्लंघन करते देखो, तो उन्हें प्यार से समझा देना। क्योंकि आखिरकार, हम सब चाहते हैं कि हमारा तिरंगा हमेशा ऊंचा लहराता रहे!
और अंत में, याद रखिये - तिरंगे का सम्मान सिर्फ 15 अगस्त या 26 जनवरी तक सीमित नहीं है। ये हर दिन, हर पल हमारे दिल में होना चाहिए। क्योंकि जब हम तिरंगे का सम्मान करते हैं, तो हम अपने देश का, अपने लोगों का, और अपनी संस्कृति का सम्मान करते हैं।
तो चलिये, इस 15 अगस्त पर हम सब मिलकर तिरंगे को सलाम करें, और अपने देश के लिए कुछ अच्छा करने का संकल्प लें। जय हिंद! 🇮🇳
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