Whatsapp फ्री है फिर भी कमाती है अरबों: जानिए इसके बिज़नेस सीक्रेट्स
सारांश
मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग दुनियाभर में बहुत तेजी से बढ़ा है, लेकिन इनमें से अधिकतर सेवाएं हमसे कोई शुल्क नहीं लेतीं। तो फिर, सवाल उठता है कि ये सेवाएं अपनी कमाई कैसे करती हैं? व्हाट्सऐप की कमाई का राज व्हाट्सऐप जैसी सेवाएं, जो मेटा (पूर्व में फेसबुक)
मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग दुनियाभर में बहुत तेजी से बढ़ा है, लेकिन इनमें से अधिकतर सेवाएं हमसे कोई शुल्क नहीं लेतीं। तो फिर, सवाल उठता है कि ये सेवाएं अपनी कमाई कैसे करती हैं?
व्हाट्सऐप की कमाई का राज
व्हाट्सऐप जैसी सेवाएं, जो मेटा (पूर्व में फेसबुक) की मालिकाना हक़ वाली है, पूरी तरह से इनक्रिप्टेड हैं और इसके क़रीब तीन अरब यूज़र्स हैं। फिर भी, इसका उपयोग मुफ़्त है क्योंकि व्हाट्सऐप कॉर्पोरेट कस्टमर से पैसा कमाता है।
कंपनियां व्हाट्सऐप के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें शुल्क देना पड़ता है। हाल ही में, व्हाट्सऐप ने बिज़नेस अकाउंट्स और चैनल फीचर्स जोड़े हैं, जहां कंपनियां अपने ग्राहकों तक सीधा पहुंच बना सकती हैं। इसका लक्ष्य है कि यूज़र्स चैट थ्रेड में ही पेमेंट से लेकर टिकट बुकिंग जैसे कार्य कर सकें, जिससे बिज़नेस और कस्टमर दोनों को फायदा हो।

अन्य मैसेजिंग ऐप्स के मॉडल
सिर्फ व्हाट्सऐप ही नहीं, अन्य मैसेजिंग ऐप्स भी विभिन्न रेवेन्यू मॉडल पर काम करते हैं। जैसे:
- सिग्नल: यह ऐप पूरी तरह से दान के भरोसे चलता है। सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ व्हिटेकर का कहना है कि इस ऐप का संचालन छोटे चंदों और सुरक्षा प्रेमी उपयोगकर्ताओं के योगदान से होता है। यह ऐप सुरक्षा और गोपनीयता पर आधारित है, जिससे यह लोगों के बीच भरोसेमंद बना है।
- टेलीग्राम: टेलीग्राम ने हाल ही में निवेशकों से पैसा जुटाना शुरू किया है और प्रीमियम सेवाएं पेश की हैं, जहां यूज़र्स अतिरिक्त सुविधाओं के लिए भुगतान करते हैं।
- डिस्कॉर्ड: मुख्य रूप से गेमर्स के बीच लोकप्रिय यह ऐप फ्रीमियम मॉडल पर आधारित है। यहां भी यूज़र्स अतिरिक्त सुविधाओं के लिए भुगतान कर सकते हैं।
- स्नैपचैट (स्नैप): इस प्लेटफ़ॉर्म का मुख्य रेवेन्यू स्रोत विज्ञापन है, हालांकि इसके पास प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी है। साथ ही, स्नैप ऑगमेंटेड रियलिटी ग्लासेस जैसे उत्पाद भी बेचता है।
- एलिमेंट: यह मैसेजिंग ऐप मुख्य रूप से सुरक्षित मैसेजिंग सेवाएं प्रदान करता है और इसका उपयोग सरकारें और बड़े संगठन अपने निजी सर्वर के माध्यम से करते हैं।
विज्ञापन और यूज़र डेटा का महत्व
अधिकांश मैसेजिंग ऐप्स विज्ञापन के माध्यम से कमाई करते हैं, और इसके लिए उन्हें यूज़र के डेटा की ज़रूरत होती है। ऐप्स यह डेटा यह जानने के लिए उपयोग करते हैं कि लोग किससे बात कर रहे हैं और उनके हित क्या हैं, जिसके आधार पर उन्हें लक्षित विज्ञापन दिखाए जाते हैं। मेटा जैसी कंपनियां यूज़र्स की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखती हैं और उसे विज्ञापन के लिए उपयोग करती हैं।एलिमेंट के सह-संस्थापक मैथ्यू होजसन के अनुसार, मैसेजिंग ऐप्स का सबसे प्रमुख रेवेन्यू मॉडल "विज्ञापन" है। वह कहते हैं, "अगर आप इसके लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो संभव है कि आप खुद प्रोडक्ट हैं।" यह दिखाता है कि अधिकांश ऐप्स विज्ञापन दिखाने के लिए यूज़र्स के डेटा पर निर्भर होते हैं, भले ही उनका मुख्य दावा गोपनीयता और सुरक्षा हो।
एलिमेंट के सह-संस्थापक मैथ्यू होजसन के अनुसार, मैसेजिंग ऐप्स का सबसे प्रमुख रेवेन्यू मॉडल "विज्ञापन" है। वह कहते हैं, "अगर आप इसके लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो संभव है कि आप खुद प्रोडक्ट हैं।" यह दिखाता है कि अधिकांश ऐप्स विज्ञापन दिखाने के लिए यूज़र्स के डेटा पर निर्भर होते हैं, भले ही उनका मुख्य दावा गोपनीयता और सुरक्षा हो।
व्हाट्सऐप, सिग्नल, टेलीग्राम, डिस्कॉर्ड और अन्य मैसेजिंग ऐप्स भले ही हमें मुफ़्त सेवाएं प्रदान करते हैं, लेकिन उनके पास अलग-अलग रेवेन्यू मॉडल हैं। अधिकांश ऐप्स विज्ञापन और डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए कमाई करते हैं, जबकि कुछ दान और प्रीमियम सेवाओं पर निर्भर होते हैं।
ताजा हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ सबसे पहले पढ़ें पैग़ाम वाला पर। हमारी विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पर आपको मिलेंगी बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल से जुड़ी अहम ख़बरें। पैग़ाम वाला पर हर पल की अपडेट्स और प्रमुख घटनाओं की विस्तृत जानकारी पाएं।
पैग़ाम वाला एडमिन
पत्रकारिता सिर्फ़ मेरा पेशा नहीं, मेरी ज़िम्मेदारी है। मैं हर ख़बर को सटीकता, निष्पक्षता और तेज़ी से आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। वर्षों के अनुभव के साथ, मेरा लक्ष्य है कि पाठकों तक हर दिन ताज़ा, सही और भरोसेमंद जानकारी पहुँचे।
सभी खबरें देखें‘पैग़ाम वाला’ जैसी स्वतंत्र पत्रकारिता को आपके समर्थन की ज़रूरत है। हम किसी भी कॉर्पोरेट या राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करते हैं, और हमारी रिपोर्टिंग पूरी तरह से हमारे पाठकों के सहयोग पर निर्भर है। आपका छोटा सा योगदान भी हमें सच आप तक पहुँचाने में मदद करेगा।